जी ले आज कल किसने देखा है..




परमात्मा वो है जो 50 टन की
व्हेल मछली को भी रोज़ाना समन्दर में पेट भर खाना खिलाता है।
तो फिर हम सिर्फ 2 रोटी के लिए इतना परेशान क्यों होते है !
जो नसीब में है , वो चल कर आयेगा... 
जो नही है, वो आकर भी चला जायेगा... 
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारो, यहा से जिंदा बचकर कोई नही जायेगा...
एक सच ये है की, अगर जिंदगी इतनी अच्छी होती,तो हम दुनिया में रोते-रोते नही आते... लेकिन एक मीठा सच ये भी है कें, अगर ये जिंदगी बुरी होती,तो हम जाते-जाते इतने लोगो को रुलाकर ना जाते...
जी ले आज
कल किसने देखा है....

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