हम और हिन्दी







 हमारी शादी हुई थी तभी से सासू मां को सुनते आये थे कि हमें तो नौकरी वाली बहू चाहिए थी। हमारा बिट्टू भी पहले यही कहता था जाने कैसे उसकी मति  भ्रष्ट हो गई कि जो घरेलू लड़की से शादी कर ली। कहना तो चाहते थे कि अम्मा हम कोई प्रेम विवाह थोडे़ ही किये हैं।आप ही तो सारा लाव-लश्कर ले कर हमें पसंद करने आयी थीं।पर ऐसा कहने से अम्मा की नजरों में जबान लड़ाऊ बहू बन जाते। शादी को तीन साल हो गया था। अब एक बिटिया की मम्मी बन गये थे। पर अम्मा का बोलना रूका नहीं था। पड़ोस में बिट्टू के दोस्त दीपक की बीवी स्कूल टीचर जो आ गई थी। हम भी शंकर जी की भांति गटागट जहर का प्याला पिये जा रहे थे। इन्हें कहते तो ये कहते यार‌ एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दो। अब तो कान भी जवाब देने लगे थे। फिर हमने भी सोच लिया कि एक बार हम भी नौकरी करेंगे।ऐसा नहीं था कि हम कोई अनपढ़ थे। हिंदी में एम.ए बीएड थे। शहर के एक प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल में हिंदी अध्यापिका की पोस्ट निकली विज्ञापन में साफ-साफ लिखा था कि स्कूलिंग इंग्लिश मीडियम







 से हो।व कैंडिडेट को कम-से-कम किसी प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल में पांच साल पढ़ाने का अनुभव हो।हम कक्षा बारहवीं तक पढे थे यूपी बोर्ड से और पढ़ाने का अनुभव भी नहीं था फिर भी हमने एक एप्लिकेशन हाथ से लिखकर डाल दी। सोचा कि हमें तो बुलावा आने से रहा। पर हमें इंटरव्यू के लिए बुला लिया गया। हम पहुंच गये। वहां भीड़ देख कर तो हमारे होश ही उड़ गए। जा कर चुपचाप से एक कोने में बैठ गये।पास में खड़ी दो बालाओं से पूछा कि अदंर क्या पूछ सकते हैं कुछ पता है। उन्होंने हमें अजीब नज़रों से देखा और कहा कि"वी डोंट नो हिंदी" मन तो किया कि कस कर एक चमाट दें कि जब हिन्दी नहीं आती तो आये क्यों हो। फिर अपने देश के कानून का ख्याल आ गया कि हमें सिंगल माॅब लीं चिंग में न पकड़ लें। सब लोगों को बुलाया जाने लगा आखिर हमारा नंबर आ ही गया। अंदर गये तो देखा कि चार सज्जन विराजमान हैं।दो महिलाएं व दो पुरुष एक कुर्सी उनसे करीब छह फुट की दूरी पर रखी थी। हमें उस पर बैठने का इशारा किया ऐसा लग रहा था कि हम कोई मरीज हैं और हमारा आपरेशन होने वाला है। इंट्रोडक्शन इंग्लिश में शुरू हुआ। इंग्लिश हमें जितनी सी आती थी उतना बोले। फिर हम बोले क्या हम हिंदी में बात कर सकते हैं? तो वो बोलने लगे आपको इंगलिश नहीं आती। हम ने भी मन में ठान लिया था कि नौकरी मिले ना मिले पर अपनी किसी भी कमजोरी को दूसरे की ताकत नहीं बनने देंगे। फिर हमने कहा कि सर ये तो हिंदी टीचर की पोस्ट है हमें हिंदी तो आती है बहुत अच्छे से आती है पर हिंदी को इंग्लिश में कैसे पढ़ाते हैं ? ये नहीं आता है।








 तो उन्होंने एक दूसरे की तरफ देखा और कहा कि मैडम आप हिंदी तो क्लास में  पढ़ायेंगी पर बाहर आपको इंगलिश में कम्युनिकेट करना होगा। हम ने भी पूछ लिया कि बच्चों को हिंदी समझ में नहीं आती सर। वो हंस पड़े।कहने लगे आपको बुलाने का एक और कारण था। कि आपने शुद्ध हिंदी में इतनी खूबसूरत हैंडराइटिंग में एप्लिकेशन लिखी है यहां तक कि डेट भी हिंदी में डाली है। फिर सब्जैक्ट से जुड़े प्रश्न पूछे गए और कहा कि आपका अगर सिलैक्शन हुआ तो आपको कौल आ जायेगा।
हम घर पहुंचे और बिट्टू जी को सारा बखान किया तो वो हंस पड़े बोले कि तुम ने तो कमाल कर दिया। फिर तीन दिन बाद हमें कौल‌ आ गया। हमारा पढ़ाने का ढंग देख कर हमें नौकरी मिल गई । अब अम्मा खुश हैं कि उनकी बहू नौकरी वाली है।
अगर आपको इंगलिश नहीं आती तो शर्म मत महसूस कीजिए अरे भई हम हिन्दुस्तान में हैं।

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