हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को एक तरह से लक्ष्मी का रूप

कौन सा पेड़ लगाना होता है अच्छा और कौन सा है अशुभ





हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को एक तरह से लक्ष्मी का रूप माना गया है। कहते है की जिस घर में तुलसी की पूजा अर्चना होती है उस घर पर भगवान श्री विष्णु की सदैव कृपा दृष्टि बनी रहती है ।
आपके घर में यदि किसी भी तरह की निगेटिव एनर्जी मौजूद है तो यह पौधा उसे नष्ट करने की ताकत रखता है। हां, ध्यान रखें कि 
तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह आपको फायदे के बदले काफी नुकसान पहुंचा सकता है। तुलसी को घर में ईशान या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए । हर मनुष्य को रविवार को छोड़कर नित्य प्रात: स्नान के पश्चात तुलसी पर जल चढ़ाना चाहिए । कहते है जो मनुष्य प्रति बृहस्पतिवार को प्रात: तुलसी के पौधे को कच्चे दूध से सींचता है और रविवार को छोड़कर संध्या के समय तुलसी के समीप शुद्द घी का दीपक जलाता है उसके यहाँ माँ लक्ष्मी सदैव निवास करती है
भगवान शिव को बेल का वृक्ष अत्यंत प्रिय है। मान्यता है इस वृक्ष पर स्वयं भगवान शिव निवास करते हैं।
भगवान शिवजी का परम प्रिय बेल का वृक्ष जिस घर में होता है वहां धन संपदा की देवी लक्ष्मी पीढ़ियों तक वास करती हैं।
इसको घर में लगाने से धन संपदा की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सारे संकट भी दूर होते है ।बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है। माना जाता कि बेल वृक्ष और सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर उस घर में माँ लक्ष्मी की स्थाई रूप से कृपा प्राप्त होती है। बेल के वृक्ष का सुबह शाम अवश्य ही दर्शन करना चाहिए इससे जाने अनजाने में हुए पापो का नाश होता है।
बेल के वृक्ष को लगाने से वंश वृद्धि होती है परन्तु इसे नष्ट करने से मनुष्य घोर पाप का भागी बनता है ।
शमी का पौधा घर में होना भी बहुत शुभ माना जाता है । शमी के पौधे के बारे में तमाम भ्रांतियां मौजूद हैं और लोग आम तौर पर इस पौधे को लगाने से डरते-बचते हैं। ज्योतिष में इसका संबंध शनि से माना जाता है और शनि की कृपा पाने के लिए इस पौधे को लगाकर इसकी पूजा-उपसना की जाती है। इसका पौधा घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर लगाना शुभ है।
शमी वृक्ष के नीचे नियमित रूप से सरसों के तेल का दीपक जलाएं, इससे शनि का प्रकोप और पीड़ा कम होगी और आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा

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