भारत के इतिहास में दूसरा ठग हुआ है

 इतना शातिर ठग भारत के इतिहास में दूसरा अभी तक नहीं हुआ है।
गुजरात मे अपने समाज के पटेलों को कैसे वेवकूफ बनाया और करोड़ों रुपये ठग लिये?
पटेलों को रिजर्वेशन का झूठा सपना दिखाकर इमोशनल ब्लैकमेल किया।
पटेलों को अभीतक समझ मे नहीं आ रहा है कि उनकी मांग अव्यवहारिक है।
किसी सरकार में दम नहीं है जो उसे पूरा कर सके।
मानलिया की यह भूल हो गई।
पर ठगी यह हुआ कि इकट्ठा किये गए सारे पैसे हार्दिक का व्यक्तिगत संपति हो गई।
उसने शानदार बंगला भी उनकी आंखों के सामने बनवा लिया।
वह 35 लाख का फार्च्यूनर गाड़ी खरीद लिया उसी पैसे से।
उसके साथ दर्जनों विद्यार्थी थे,किसी को कोई हिस्सा नहीं दिया।
अभी भी राजनीतिक पार्टियों से उनके नाम पर सौदेवाजी कर रहा है।
चर्चा है कि तीसमार खान की पार्टी से भी दो बक्सों में भरकर कुछ ले गया है।
IT/ED किसी को यह पूछने की हिम्मत नहीं हो रही है कि 23 साल के उम्र में करोड़ों की बंगला और गाड़ी कैसे आ गई?
भाई अब अगर किसी को बड़ा ठग या जालसाज कहना हो तो उसे नटवरलाल न कहकर हार्दिक पटेल कहा करें।
अरे पटेलों,उससे पैसे का हिसाब तो मांगो और बचे हुए पैसे से कोई धर्मशाला/अस्पताल बनवा दो।

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