Indian Railway Tatkal Ticket Reservation System एक घटिया ,आम आदमी को लूटता और परेशान करता हुआ सिस्टम है....
आज IRCTC के ऑनलाइन पोर्टल पर तत्काल टिकट बनाने में जो बाधाएं डाली जा रही है उस कारण से कोई भी आम इंसान कन्फर्म टिकट बना ही नहीं सकता है।और 1 से 2 मिनट में तत्काल की सभी टिकट बुक हो जाती है...
1.जब लॉगिन करने के बाद ठीक 10 बजे (एसी क्लास) और 11 बजे (स्लीपर क्लास) में चेक एंड बुक टिकट पर क्लिक करने पर कम से कम 1 मिनट लगता है जंहा पर टिकट Available दिखता है फिर Book now पर क्लिक करना पड़ता है।
2.लगभग 1 मिनट बाद यात्री की डिटेल नाम,उम्र,सीट की प्राथमिकता पूछी जाती है।
3.सारी जानकारी भरने के बाद captcha में दिए गए सवाल का सही जवाब दो तो फिर एक विंडो खुलता है जिसमें आपकी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पूछी जाती है।
4.ईमेल आईडी देने के बाद फिर captcha आ जाता है।
5.फिर captcha के सवालों का सही जवाब देने पर आपकी Date of birth पूछी जाती है।
6.Date of birth लिख देने के बाद submit पर क्लिक करने पर फिर captcha आ जाता है।
7.फिर captcha में दिखाए गए नंबर submit करने के बाद आपसे रजिस्टर्ड User ID पूछी जाती है, उसको submit करने के बाद ही पेमेंट पेज खुलता है।
8.जब आप Payment mode जैसे कि Credit card/Debit card/Net banking इत्यादि सलेक्ट करते हो तो IRCTC आपको आपके नेट बैंकिंग के पेज पर लेजाता है जंहा फिर से आपको USER ID और PASSWARD डालकर लॉगिन करना पड़ता है।
9.इसके बाद आपके मोबाइल पर एक NETSECURE बैंकिंग OTP आता है जिसको डालने पर ही आप पेमेंट कर सकते है।
10.इतना सब करने के बाद लगभग आधे मिनट तक चकरा घूमता रहता है फिर जाकर स्क्रीन पर मैसेज आता है कि NO SEAT AVAILABLE!!!
11.कभी कभी पेमेंट DEBIT हो जाता है और तत्काल टिकट हाथ में नहीं आता और लगभग 5 दिन बाद पैसा रिफण्ड होता है।
इस पूरी प्रक्रिया में 7-8 मिनट लग जाते है जबकि दलाल लोग "मक्खीचूस"सॉफ्टवेयर की मदद से 2 मिनट में पूरी ट्रैन की तत्काल टिकट चाट जाते है।
सरकार से लेकर रेलवे मंत्रालय सबको इस गोरखधंधे का पता है पर ये खेल कई सालों से चल रहा है पर आम आदमी टिकट दलालों को 500 से 1000 रुपये देने पर मजबूर है।
IRCTC जिस तरह से बार बार प्रक्रिया के दौरान CAPTCHA और DATE OF BIRTH, फिर से USER ID पूछता है ,क्या वो यात्री को लोन दे रहा है !!!
3-4 बार CAPTCHA में लिखे नंबर टाइप , DATE OF BIRTH इत्यदि में लिखने में जल्दबाजी से भूल हो सकती है जिसका खामियाजा USER को भुगतना पड़ता है,क्यों एक आम आदमी के ट्रांजंक्शन को जानबूझ कर लेट किया जाता है ताकि देश के लूटेरे दलालों को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल जाये, जबकि दलालों को इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।इससे IRCTC की नीयत पर शक होता है
क्या आम आदमी चोर और लुटेरा है!!!
यदि आप भी इस समस्या और IRCTC के खिलवाड़ से दुःखी है तो जरूर मेरी पोस्ट को शेयर करें ताकि सरकार को अपने डिजिटल इंडिया अभियान की सही तस्वीर मिल सके...
आज IRCTC के ऑनलाइन पोर्टल पर तत्काल टिकट बनाने में जो बाधाएं डाली जा रही है उस कारण से कोई भी आम इंसान कन्फर्म टिकट बना ही नहीं सकता है।और 1 से 2 मिनट में तत्काल की सभी टिकट बुक हो जाती है...
1.जब लॉगिन करने के बाद ठीक 10 बजे (एसी क्लास) और 11 बजे (स्लीपर क्लास) में चेक एंड बुक टिकट पर क्लिक करने पर कम से कम 1 मिनट लगता है जंहा पर टिकट Available दिखता है फिर Book now पर क्लिक करना पड़ता है।
2.लगभग 1 मिनट बाद यात्री की डिटेल नाम,उम्र,सीट की प्राथमिकता पूछी जाती है।
3.सारी जानकारी भरने के बाद captcha में दिए गए सवाल का सही जवाब दो तो फिर एक विंडो खुलता है जिसमें आपकी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पूछी जाती है।
4.ईमेल आईडी देने के बाद फिर captcha आ जाता है।
5.फिर captcha के सवालों का सही जवाब देने पर आपकी Date of birth पूछी जाती है।
6.Date of birth लिख देने के बाद submit पर क्लिक करने पर फिर captcha आ जाता है।
7.फिर captcha में दिखाए गए नंबर submit करने के बाद आपसे रजिस्टर्ड User ID पूछी जाती है, उसको submit करने के बाद ही पेमेंट पेज खुलता है।
8.जब आप Payment mode जैसे कि Credit card/Debit card/Net banking इत्यादि सलेक्ट करते हो तो IRCTC आपको आपके नेट बैंकिंग के पेज पर लेजाता है जंहा फिर से आपको USER ID और PASSWARD डालकर लॉगिन करना पड़ता है।
9.इसके बाद आपके मोबाइल पर एक NETSECURE बैंकिंग OTP आता है जिसको डालने पर ही आप पेमेंट कर सकते है।
10.इतना सब करने के बाद लगभग आधे मिनट तक चकरा घूमता रहता है फिर जाकर स्क्रीन पर मैसेज आता है कि NO SEAT AVAILABLE!!!
11.कभी कभी पेमेंट DEBIT हो जाता है और तत्काल टिकट हाथ में नहीं आता और लगभग 5 दिन बाद पैसा रिफण्ड होता है।
इस पूरी प्रक्रिया में 7-8 मिनट लग जाते है जबकि दलाल लोग "मक्खीचूस"सॉफ्टवेयर की मदद से 2 मिनट में पूरी ट्रैन की तत्काल टिकट चाट जाते है।
सरकार से लेकर रेलवे मंत्रालय सबको इस गोरखधंधे का पता है पर ये खेल कई सालों से चल रहा है पर आम आदमी टिकट दलालों को 500 से 1000 रुपये देने पर मजबूर है।
IRCTC जिस तरह से बार बार प्रक्रिया के दौरान CAPTCHA और DATE OF BIRTH, फिर से USER ID पूछता है ,क्या वो यात्री को लोन दे रहा है !!!
3-4 बार CAPTCHA में लिखे नंबर टाइप , DATE OF BIRTH इत्यदि में लिखने में जल्दबाजी से भूल हो सकती है जिसका खामियाजा USER को भुगतना पड़ता है,क्यों एक आम आदमी के ट्रांजंक्शन को जानबूझ कर लेट किया जाता है ताकि देश के लूटेरे दलालों को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल जाये, जबकि दलालों को इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।इससे IRCTC की नीयत पर शक होता है
क्या आम आदमी चोर और लुटेरा है!!!
यदि आप भी इस समस्या और IRCTC के खिलवाड़ से दुःखी है तो जरूर मेरी पोस्ट को शेयर करें ताकि सरकार को अपने डिजिटल इंडिया अभियान की सही तस्वीर मिल सके...
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