इस कविता द्वारा उत्तराखंड के सभी जिलों की जानकारी

इस कविता द्वारा उत्तराखंड के सभी जिलों की जानकारी बच्चों को दी जा सकती है।



आओ बच्चों देखो झांकी उत्तराखंड की।
इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

ये देखो अल्मोड़ा यहाँ कितनी सुंदर हरियाली है

सबको है आकर्षित करती धरती ये मतवाली है

दूर दूर तक दृश्य विहंगम बदरा काली काली है

सबसे प्यारी नैना देवी झाँकी यहाँ निराली है

जागेश्वर मंदिर में बजते घंटे सुबह औ शाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

बागेश्वर को देखो यहाँ कितना सुंदर विस्तार है

सुंदरता में इसकी महिमा चारों ओर अपार है

धरती से आकाश चूमते बाँज बुराँस का प्यार है

सचमुच में ये पावन धरती स्वर्ग का अवतार है

मन को ठंडक मिलती है जब लेते इसका नाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

चमोली को शोभित करता देखो बद्रीनाथ है

गोपेश्वर भी है यहाँ पर हेमकुंड भी साथ है

औली में है बर्फ चमकती सुबह दिन रात है

फूलों की घाटी का सुंदरता में अदभुत् हाथ है

तपकुंड, विष्णु प्रयाग, पंच प्रयाग है जान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

चंपावत में बालेश्वर मंदिर ये बड़ा ही प्यारा है

मीठा रीठा साहब यहाँ पर सिखों का गुरुद्वारा है

पंचेश्वर और देवीधुरा ने इस धरती को तारा है

नागनाथ के मंदिर का भी यहाँ पे बड़ा सहारा है

वन्य जीवों से भरे हुए हैं यहाँ के हरे मैदान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तरा  खंड, जय हो उत्तराखंड।

देखो देहरादून यहाँ की ये ही तो रजधानी है

अंग्रेजों की सत्ता की यहाँ पे कई निशानी हैं

घंटा घर आकाश चूमता आई.एम.ए. पहचानी है

लीची के हैं बाग यहाँ पर और मसूरी रानी है

शिक्षा में भी देहरादून रखता है प्रथम स्थान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

कितना पावन और निराला अपना ये हरिद्वार है

देवलोक से आती सीधी गंगा माँ की धार है

वेदों और पुराणों में भी गाथा बारंबार है

जीवन और मरण का देखो यही आखिरी सार है

इस पावन धरती पर देवों ने भी किया बखान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

अदभुत् सुंदर कितना प्यारा अपना नैनीताल है

चारों ओर यहाँ पर फैला झीलों का जंजाल है

चाइना पीक यहाँ पर चोटी बहुत ही बेमिसाल है

इस धरती को गर्वित करते तल्ली मल्ली ताल है

मृदुभाषी हैं लोग यहाँ के हँसके करें सलाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

पौड़ी जिले की उत्तराखंड में एक अलग पहचान है

नागर्जा का मंदिर इसमें ज्वालपा माँ की शान है

बिंसर महादेव यहाँ है, ताराकुंड भी जान है

सचमुच इसमें रचता बसता उत्तराखंड का प्राण है

लोकगीत संगीत में पौड़ी का है ऊँचा नाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

सीमा की है रक्षा करता पिथौरागढ़ महान है

उल्का देवी मंदिर की भी एक नई पहचान है

राय गुफा भी अदभुत् इसमें, भटकोट स्थान है

हनुमान गढ़ी में जुटती रोज़ भीड़ तमाम है

कई बार बचाई इसने हम लोगों की आन जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

अलकनंदा, मंदाकिनी का संगम रुद्र प्रयाग है

कहीं पे शीतल धारा है, कहीं उफनती आग है

अगस्त मुनि की बोली है, केदारनाथ का राग है

गुप्तकाशी है, खिर्सू है, देओरिया, सोन प्रयाग है

यहाँ थकावट को मिलता है अदभुत् एक विराम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

देखो जिला ये टिहरी का श्रीदेव सुमन से वीर पले

कितने उन पर अंग्रेज़ों के बर्छी भाले तीर चले

भूखे रहे 84 दिन तक पर ना उनके नीर चले

1944 में दुनिया से बन कर पीर चले

मर कर वो इतिहास बन गए गाथा पूरे ग्राम की

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

उधम सिंह नगर की देखो कितनी सुंदर शाम है

चैती मंदिर, गिरी सरोवर, नानक माता धाम है

इतिहास के पन्नों में भी इसका जिक्रे आम है

जनरल डायर की हत्या में उधम सिंह का नाम है

उत्तम सादा रहन सहन है सादा खान पान जी

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

देखो ये उत्तरकाशी कितना सुंदर उजियारा है

गोमुख नाम से गंगा जी का जल स्रोत ये प्यारा है

चारों ओर हिमालय फैला बड़ा ही भव्य नज़ारा है

ऐसा लगता है इसको देवों ने यहाँ उतारा है

अपना पावन उत्तराखंड रहे हर पल यूँ ही जवान जी

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।इस कविता द्वारा उत्तराखंड के सभी जिलों की जानकारी बच्चों को दी जा सकती है।

आओ बच्चों देखो झांकी उत्तराखंड की।
इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

ये देखो अल्मोड़ा यहाँ कितनी सुंदर हरियाली है

सबको है आकर्षित करती धरती ये मतवाली है

दूर दूर तक दृश्य विहंगम बदरा काली काली है

सबसे प्यारी नैना देवी झाँकी यहाँ निराली है

जागेश्वर मंदिर में बजते घंटे सुबह औ शाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

बागेश्वर को देखो यहाँ कितना सुंदर विस्तार है

सुंदरता में इसकी महिमा चारों ओर अपार है

धरती से आकाश चूमते बाँज बुराँस का प्यार है

सचमुच में ये पावन धरती स्वर्ग का अवतार है

मन को ठंडक मिलती है जब लेते इसका नाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

चमोली को शोभित करता देखो बद्रीनाथ है

गोपेश्वर भी है यहाँ पर हेमकुंड भी साथ है

औली में है बर्फ चमकती सुबह दिन रात है

फूलों की घाटी का सुंदरता में अदभुत् हाथ है

तपकुंड, विष्णु प्रयाग, पंच प्रयाग है जान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

चंपावत में बालेश्वर मंदिर ये बड़ा ही प्यारा है

मीठा रीठा साहब यहाँ पर सिखों का गुरुद्वारा है

पंचेश्वर और देवीधुरा ने इस धरती को तारा है

नागनाथ के मंदिर का भी यहाँ पे बड़ा सहारा है

वन्य जीवों से भरे हुए हैं यहाँ के हरे मैदान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तरा  खंड, जय हो उत्तराखंड।

देखो देहरादून यहाँ की ये ही तो रजधानी है

अंग्रेजों की सत्ता की यहाँ पे कई निशानी हैं

घंटा घर आकाश चूमता आई.एम.ए. पहचानी है

लीची के हैं बाग यहाँ पर और मसूरी रानी है

शिक्षा में भी देहरादून रखता है प्रथम स्थान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

कितना पावन और निराला अपना ये हरिद्वार है

देवलोक से आती सीधी गंगा माँ की धार है

वेदों और पुराणों में भी गाथा बारंबार है

जीवन और मरण का देखो यही आखिरी सार है

इस पावन धरती पर देवों ने भी किया बखान जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

अदभुत् सुंदर कितना प्यारा अपना नैनीताल है

चारों ओर यहाँ पर फैला झीलों का जंजाल है

चाइना पीक यहाँ पर चोटी बहुत ही बेमिसाल है

इस धरती को गर्वित करते तल्ली मल्ली ताल है

मृदुभाषी हैं लोग यहाँ के हँसके करें सलाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

पौड़ी जिले की उत्तराखंड में एक अलग पहचान है

नागर्जा का मंदिर इसमें ज्वालपा माँ की शान है

बिंसर महादेव यहाँ है, ताराकुंड भी जान है

सचमुच इसमें रचता बसता उत्तराखंड का प्राण है

लोकगीत संगीत में पौड़ी का है ऊँचा नाम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

सीमा की है रक्षा करता पिथौरागढ़ महान है

उल्का देवी मंदिर की भी एक नई पहचान है

राय गुफा भी अदभुत् इसमें, भटकोट स्थान है

हनुमान गढ़ी में जुटती रोज़ भीड़ तमाम है

कई बार बचाई इसने हम लोगों की आन जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

अलकनंदा, मंदाकिनी का संगम रुद्र प्रयाग है

कहीं पे शीतल धारा है, कहीं उफनती आग है

अगस्त मुनि की बोली है, केदारनाथ का राग है

गुप्तकाशी है, खिर्सू है, देओरिया, सोन प्रयाग है

यहाँ थकावट को मिलता है अदभुत् एक विराम जी,

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

देखो जिला ये टिहरी का श्रीदेव सुमन से वीर पले

कितने उन पर अंग्रेज़ों के बर्छी भाले तीर चले

भूखे रहे 84 दिन तक पर ना उनके नीर चले

1944 में दुनिया से बन कर पीर चले

मर कर वो इतिहास बन गए गाथा पूरे ग्राम की

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

उधम सिंह नगर की देखो कितनी सुंदर शाम है

चैती मंदिर, गिरी सरोवर, नानक माता धाम है

इतिहास के पन्नों में भी इसका जिक्रे आम है

जनरल डायर की हत्या में उधम सिंह का नाम है

उत्तम सादा रहन सहन है सादा खान पान जी

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

देखो ये उत्तरकाशी कितना सुंदर उजियारा है

गोमुख नाम से गंगा जी का जल स्रोत ये प्यारा है
यमुना की पवित्रता के किस्से भी हैं हजार

चारों ओर हिमालय फैला बड़ा ही भव्य नज़ारा है

ऐसा लगता है इसको देवों ने यहाँ उतारा है

अपना पावन उत्तराखंड रहे हर पल यूँ ही जवान जी

इस मिट्टी को झुककर चूमो शत् शत् करो प्रणाम भी।

जय हो उत्तराखंड, जय हो उत्तराखंड।

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